Homeगंगादासमाया मेरे हरी की, हरें हरी भगवान माया मेरे हरी की, हरें हरी भगवान शुभाष गंगादास 24/02/2012 No Comments माया मेरे हरी की, हरें हरी भगवान । भगत जगत में जो फँसे, करें बरी भगवान ।। करें बरी भगवान, भाग से भगवत अपने । इसे दीनदयाल हरी-हर चाहिये अपने ।। गंगादास परकास भया मोह-तिमिर मिटाया । संत भए आनंद ज्ञान से तर गए माया ।। Tweet Pin It Related Posts मोहताजों की ख़बर ले, तेरी लें भगवान पापी के कोई भूलकर, मत ना बसो पडौस तेरे में, मुझमें, तुझे, यही एक है जाल About The Author शुभाष Leave a Reply Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.