हमको बुला रही हैं
तुम्हारी यादें
तुम्हारे चेहरे की मुस्कानें
हमें यकीं है
इस जहां में हम कहीं भी हो
तुम्हारे प्यार की खातिर
हम खिचें चले आएंगे,
लिखी है एक कविता
तुम्हारे हसीं नूर पर
तमन्ना है बस दीदार की
अब तो इन्तजार है
बस उस बहार का
वह बहार चले तो सही
हम खिचें चले आएंगे,
हमने तुम्हारे बिन
न जाने कितने पल गुजारे
न मिली तुम्हारी खबर
और न आई तुम
रातों को मेरे ख्वाबों में
आकर बुलाओं तो सही
हम खिचें चले आएंगे,
अब तो इन्तजार है
बस उस पल का
जब जुदाई का
न कोई दरिया हो
सिर्फ प्यार का आसमां हो
तुम आईने को देखकर
एक बार मुस्कुरा तो दो
हम खिचें चले आएंगे,
………………… कमल जोशी
beautiful poem kamal ji………….
Attachment to someone very nicely expressed KK.