किसी को सहिष्णुता लगे,
किसी को असहिष्णुता लगे।।
जो बुद्धिजीवी होंगे,
उन्हें ये दोनों बातें गलत लगें।।
ये घर हमसब का है,
ना जाने क्यू लोग अपनी दावेदारी करने लगे।।
अवसरवादी लोगों को एक मुद्दा दे दिया,
मुल्क की तरक़्क़ी से कोई मतलब नहीं, बस बहस करने लगे।।
Very well said, Mobeen ji
thanks Bimla ji..
निःसंदेह सत्परक तथ्य !!
bahut bahut aabhar aapka
iskadar hausla afzayi karne k liye..☺