Homeराम केश मिश्रसोरठा । सज्जन और दुर्जन के प्रति । सोरठा । सज्जन और दुर्जन के प्रति । रकमिश सुल्तानपुरी राम केश मिश्र 25/11/2015 No Comments सोरठा । सज्जन और दुर्जन के प्रति । प्रेम वचन निःस्वार्थ, भरे दुःखित पर हृदय जे । करें ज्ञान विस्तार, सज्जन रूप प्रतीत ते ।। द्वेष, द्रोह शुचि बीच, वाणी बरसे घृत गरल । ते दुर्जन सम जान, भरे कुटिल व्यंग्योक्ति दुःख ।। @राम केश मिश्र Tweet Pin It Related Posts ग़ज़ल गीत.हर कोई इंसान था. जाने दो अब ।।जीवन।।(कविता) About The Author "रक" रकमिश सुल्तानपुरी भदैयां , जिला-सुल्तानपुर , उत्तर प्रदेश , [email protected] कॉन्टेक्ट~ , 9125562266 , रूचि- हिंदी साहित्य , कविता,ग़ज़ल, हाइकू, नयी कविता गजल गीत आदि ।।, Leave a Reply Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.