घूँट अपमानों की पीता जी रहा इंसान है ।
दम्भ, घृणा, ईर्ष्या है, खोखला अभिमान है ।
देखकर गहरी परत ये मान पर अपमान की ,
बैठ कोने में कहीँ अब रो रहा सम्मान है ।।
रकमिश सुल्तानपुरी
भदैयां ,
जिला-सुल्तानपुर ,
उत्तर प्रदेश ,
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कॉन्टेक्ट~ ,
9125562266 ,
रूचि-
हिंदी साहित्य ,
कविता,ग़ज़ल, हाइकू, नयी कविता गजल गीत आदि ।।,
बहुत अच्छे …..!!