Homeराम केश मिश्रहाइकू । दिखे समाज । हाइकू । दिखे समाज । रकमिश सुल्तानपुरी राम केश मिश्र 22/11/2015 1 Comment हाइकू । दिखे समाज । परम्पराएँ गंगा नदी का तट धोतीं है केश ह्रदय रचे अलौकिक दर्पण दिखे समाज छाये बादल युवा करें आह्वान बरसे ज्ञान स्नेहो की जीत निजता भी न खोये सुन्दरताएं रोता क्यों न्याय चलो जलाएँ दीप झूठा अन्याय @राम केश मिश्र Tweet Pin It Related Posts ।।दो दिन पहले और किसी से।। उन्हें मोती नजर आया ।।तलाश।। About The Author "रक" रकमिश सुल्तानपुरी भदैयां , जिला-सुल्तानपुर , उत्तर प्रदेश , [email protected] कॉन्टेक्ट~ , 9125562266 , रूचि- हिंदी साहित्य , कविता,ग़ज़ल, हाइकू, नयी कविता गजल गीत आदि ।।, One Response निवातियाँ डी. के. 22/11/2015 Nice one ….RK Reply Leave a Reply Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.
Nice one ….RK