Homeगंगादासअन्तर नहीं भगवान में, राम कहो चाहे संत अन्तर नहीं भगवान में, राम कहो चाहे संत शुभाष गंगादास 24/02/2012 No Comments अन्तर नहीं भगवान में, राम कहो चाहे संत । एक अंग तन संग में, रहे अनादि अनंत ।। रहे अनादि अनंत, सिद्ध गुरु साधक चेले । तब हो गया अभेद भेद सतगुरु से लेले ।। गंगादास ऐ आप ओई मंत्री अर मंतर । राम-संत के बीच कड़ी रहता ना अन्तर ।। Tweet Pin It Related Posts मान बड़ाई, इर्षा, आशा, तृष्णा, चार माला फेरो स्वास की, जपो अजप्पा जाप तेरे बैरी तुझी में, हैं ये तेरे फ़ैल About The Author शुभाष Leave a Reply Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.