जन्मदिन गरीबका जाणे कोण मनायेगा
आंगण रोशनिसे उसका कोण सजायेगा
गरीबको आजभी ना मिलती है रोटी
देखो नेताजीका जन्मदिन मनाया जायेगा
न सडके न पाणी नाही बिजली के तार
रोशनिसे दुल्हेका मंडप सजाया जायेगा
जहा रोज मनती है गोलीयोसे दिवाली
फिर बंदुकोसे अपना दम दिखाया जायेगा
गरीबका न जाणे कब होगा विकास यहा
अमिरो का भरत मिलाप दिखाया जायेगा
एक दुसरोको मिडीया मे दि जाती है गाली
जन्मदिन मे उनकोभी गलेसे लगाया जायेगा
वाहरे किस्मत तुनेभी क्या चाल चलाई है
तेरे रहम से गरीबका पैसा उडाया जायेगा
जिसको मिलना चाहिये वो आजभी भुखा
और यहा दावत – ए – जश्न मनाया जायेगा
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शशिकांत शांडीले (SD), नागपूर
भ्रमणध्वनी – ९९७५९९५४५०
दि. २१-११-२०१५
शशिकांत आप ने आज के हालात पे सटीक कविता कही है । very nice.
Shukriya Bimlaji