ग़ज़ल-वो सपनों का सौदागर है-शकुंतला तरार
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संक्षिप्त जीवन परिचय श्रीमती शकुंतला तरार (कवयित्री, लेखिका एवं स्वतंत्र पत्रकार) तहसील पारा, कोंडागांव, जिला कोंडागांव ''बस्तर''( छ.ग.) माता का नाम :स्व.जमुना देवी देवांगन पिता का नाम :स्व. रतनलाल देवांगन शिक्षा :एम.ए- (राजनीति) ,एल.एल.बी., एम.ए.- हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत, लोक संगीत में डिप्लोमापत्रकारिता में डिप्लोमा, उर्दू में डिप्लोमा पति:श्री टी. सी. तरार ( शासकीय कर्मचारी) पुत्र :संदीप तरार एम. एस. सी.(सांख्यिकी) पुत्री :श्वेता तरार एम.एस.सी. (बायो साइंस) (शासकीय कर्मचारी) प्रकाशित पुस्तकें-:बन कैना छत्तीसगढ़ी गीत संग्रह, 2000:बस्तर का क्रांतिवीर गुन्डाधुर,हिंदी छंद ,बस्तर की लोक कथाएं (नवसाक्षर साहित्य),बेटियाँ छत्तीसगढ़ की ( नवसाक्षर साहित्य),हाइकु संग्रह टेपारी(हल्बी),चूरी छत्तीसगढ़ी नाटक,घरगुंदिया छत्तीसगढ़ी कविता संग्रह,मेरा अपना बस्तर हिंदी कविता संग्रह सम्मान-:प्रथम देवांगन महिला साहित्यकार सम्मान छत्तीसगढ़ 2002:प्रभावती सम्मान 2005, सुलभ साहित्य अकादमी (नई दिल्ली) वरिष्ठ कवयित्री सम्मान व्यंजना संस्था रायपुर 20 मार्च 2005 महामहिम तत्कालीन राज्यपाल (छत्तीसगढ़) श्री के. एम. सेठ के कर कमलों से सुभद्रा कुमारी चौहान रजत स्मृति सम्मान 25 जून 2006 हिंदी भाषा साहित्य परिषद् खगड़िया (बिहार) वैभव प्रकाशन सम्मान रायपुर 8 जून 2001 तत्कालीन शिक्षा मंत्री के कर कमलों से. त्रिवेणी परिषद् जबलपुर (म.प्र.) 17 फरवरी 2007.अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस सम्मान 8 मार्च 2008हिंदी लेखिका संघ भोपाल (म.प्र.) 22 मार्च 2009 गुरु घासीदास साहित्य एवं संस्कृति अकादमी रायपुर 28 दिसंबर 2013 अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस सम्मान 8 मार्च 2014 जिला लोक शिक्षा समिति रायपुर (छ.ग.) दायित्वों का निर्वहन-संपादक- त्रैमासिक पत्रिका "नारी का संबल" जुलाई 2001 से निरंतर 14 वें वर्ष में सह संपादक- "बिहनिया" त्रैमासिक शोध पत्रिका, संस्कृति विभाग, छत्तीसगढ़ शासन, 2002 से निरंतर सदस्य- राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान, गवर्निंग काउंसिल 2012 सदस्य -बोर्ड ऑफ मेनेजमेंटजनशिक्षण संस्थान रायपुर, (मानव विकास मंत्रालय से सम्बद्ध) सदस्य -कलाकार कल्याण समिति, संस्कृति विभाग, रायपुर (छ.ग.) सदस्य -(आजीवन)-छत्तीसगढ़ राष्ट्र भाषा प्रचार समिति, रायपुर(छ.ग.)सदस्य - वातावरण निर्माण समिति, जिला साक्षरता समिति रायपुर (छ.ग.) पूर्व दायित्वों का निर्वहन-:सदस्य -श्रम सलाहकार परिषद्, श्रम मंत्रालय,छ.ग. शासनउपाध्यक्ष -जिला देवांगन समाज, रायपुर(छ.ग.)अध्यक्ष- जिला देवांगन समाज रायपुर (छ.ग.)अध्यक्ष -(महिला प्रकोष्ठ) छत्तीसगढ़ी साहित्य समिति कार्य अनुभव एवं उपलब्धियां –:संपादक- "नारी का संबल" सह संपादक बिहनिया:दैनिक समवेत शिखर (फीचर संपादक एवं सह संपादक)समाचार लोक (पूर्व सह संपादन) आदिम जाति,अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग विभाग द्वारा आयोजित लोक कला महोत्सव में निर्णायक 2001 से 2012 तक निरंतर.(जिला विभाजन तक)जवाहर नवोदय विद्यालय, माना, रायपुर, राज्य स्तरीय सांस्कृतिक कार्यक्रम में निर्णायक 2001से निरंतर.डॉक्यूमेंट्री फिल्म निर्माण- "शिल्प कला" पर इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केंद्र नई दिल्ली एवं संस्कृति विभाग, छत्तीसगढ़ शासन के संयुक्त तत्वावधान में.संस्कृति विभाग, छत्तीसगढ़ शासन द्वारा आयोजित हस्तशिल्प मडई मेला प्रशिक्षण कार्यक्रम में बतौर संयोजक. पर्यटन विभाग, रायपुर, छ.ग. द्वारा दिल्ली में आयोजित छत्तीसगढ़ हाट 2006 के शुभारम्भ अवसर पर छत्तीसगढ़ की व्यंजन, कला और संस्कृति से माननीया श्रीमती सुषमा स्वराज जी को परिचित कराने के दायित्व का निर्वहन.आठवां विश्व हिंदी सम्मलेन 13-15 जुलाई 2007 न्यूयार्क, अमेरिका में महिला प्रतिनिधित्व छत्तीसगढ़ से.विश्व हिंदी साहित्य सम्मलेन के तहत 12-18 सितम्बर 2010 में मॉरीशस की यात्रा. छ.ग. की कला, संस्कृति के संवर्धन संरक्षण हेतु प्रथम हरेली महोत्सव 10 अगस्त 2010. छ.ग. की कला, संस्कृति के संवर्धन संरक्षण हेतु द्वितीय हरेली महोत्सव 30 जुलाई 2011.दूरदर्शन, आकाशवाणी, जी टी वी, ई.टी .वी., दबंग चैनल मुंबई से कविताओं, वार्ताओं एवं कार्यक्रमों का प्रसारण. नक्सली क्षेत्र बस्तर में 30 वर्ष से अधिक समय तक रहकर लोगों के जीवन को देखने समझने और उस पर रचनात्मक सृजन कार्य का सुदीर्घ अनुभव है.छात्र जीवन से ही पिता के आशु कविताओं एवं माता-पिता दोनों के द्वारा गाए जाने वाले गीतों , लोक कथाओं, भजनों , आदि को सुनकर , अपने आसपास के आदिवासी परिवेश, आदिवासी संस्कृति के बीच पल बढ़कर उनके साथ गायन कर लिपिबद्ध करने की प्रेरणा. सर्वप्रथम आकाशवाणी जगदलपुर से हल्बी कविताओं का प्रसारण | सरिता, मुक्ता, नवभारत, दैनिक भास्कर, समवेत शिखर, अमृत सन्देश, देशबंधु, हरी भूमि, अग्रदूत, समाचार लोक, सुराज, स्वदेश, दैनिक प्रताप केसरी, दैनिक जन सन्देश, दैनिक राजस्थान किरण, दैनिक जगत क्रांति, नई दुनिया,छत्तीसगढ़ी सेवक (साप्ताहिक), समाज कल्याण आदि पत्र पत्रिकाओं में लेखों का प्रकाशन. अखिल भारतीय कवि सम्मेलनों में निरंतर काव्य पाठ.मंच संचालक –ग्रामीण स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक.हिंदी, छत्तीसगढ़ी एवं हल्बी की एकमात्र आंचलिक कवयित्री एवं हल्बी-भतरी की लोक गीत गायिका | रायपुर साहित्य महोत्सव 12-14 दिसंबर 2014 में सहभागिता ''बस्तर की बोलियाँ और साहित्य" विषय पर |केंद्रीय हिंदी निदेशालय, मानव संसाधन विकास मंत्रालय (उच्चतर शिक्षा विभाग) द्वारा औरंगाबाद महाराष्ट्र में आयोजित 10-17-जुलाई 2015 तक हिंदीतर भाषी नवलेखक शिविर में विशेष वक्ता ।
very nice, beautiful and touchy lines depicting true love.
धन्यवाद गिरिजा जी आपको मेरी ग़ज़ल अच्छी लगी ऐसे ही उत्साह बढ़ाते रहिये तो अपनी सभी रचनाओं को एक-एक करके इसमें लगाती रहूंगी |
निस्वार्थ प्रेम की झलक लिए भावपूर्ण रचना !! बहुत अच्छे शकुंतला जी !!
आपकी उपलब्धियाँ विस्तृत है, अगर हो सके तो जीवन परिचय को संक्षिप्त रूप में प्रस्तुत करे तो ज्यादा अच्छा लगेगा !!