समय का होता मुझपे
बार-बार प्रहार
मजबूरीयों में गिरता-पड़ता
मई हूँ बेहाल
कम न आए मेरा कोई भी यार
फिर भी करता मै
सब से प्यार ।
चला जाता हूँ मै
रोज़ सपनों के पार
पर हो न पाऐ मेरा
सपना साकार
कुछ ऐसा काम तुम
करो मेरे यार
अपना सपना तुम
कर लो साकार, कर लो साकार
हम तो यहाँ से निराश गए,
अब आई तुम्हारी बारी ।
जो करना है आज करो,
समय चला जाए न खाली ॥
-संदीप कुमार सिंह ।
Nice quote,..,……….!!
dhanyabad dknivatiya sir
अच्छा लिखा है आपने
dhanyabad Shishir sir….