Homeअज्ञात कविरात रात asma khan अज्ञात कवि 10/11/2015 2 Comments रात मे देख कर तारे यूँ लगा जैसे बच्चा माँ की गोद मे बैठकर खिलखिला रहा है! उसकी माँ का चेहरा ऐसा पूनम की रात मे चाँद जैसा !! Tweet Pin It Related Posts सबका हैं! अहंकारी नहीं स्वाभिमानी बन – अनु महेश्वरी अरमान – बिन्देश्वर प्रसाद शर्मा बिन्दु About The Author asma khan i am (B.com1st year) student . i like witting & reading. chhindwara (m.p.) 2 Comments Shishir 11/11/2015 माँ को ममता she मिलने वाली ख़ुशी का दो लाइनों में क्या खूब चित्रण किया है आपने. आपको दीवाली की हार्दिक शुभकामनाए Reply asma khan 12/11/2015 धन्यवाद आपको हमारी कविता पसंद आई ! Reply Leave a Reply Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.
माँ को ममता she मिलने वाली ख़ुशी का दो लाइनों में क्या खूब चित्रण किया है आपने. आपको दीवाली की हार्दिक शुभकामनाए
धन्यवाद आपको हमारी कविता पसंद आई !