एक अास था मुझे कि वो अायेगी
ज़िन्दगी युहीं खुशियों से भर जायेगी
चलेगें हम अनजान राहों पर,थामे
एक दूजे का हाथ,मिले चाहे
जितने भी अाँसुओं के सौगात
इक वादा भी ना रहा तुम्हें याद
जाने किन गुनाहों कि थी सज़ा
मै रो भी ना सका!!!…
देख कर तुम्हारी खुली अाँखें
भय से कांपा था मै
तुमने पुकारा होगा मुझे
जाने कहाँ खोया था मै
छूकर ठड़े पड़े बदन को तुम्हारे
जम सा गया था दिल मेरा
क्या ख्वाब थे हमारे
क्या ताबीर था मिला
bahut hi achhi rachna h aap bas lge rahiye
दिल के बयां ना किये जा सकने वाले दर्द का अच्छा बयां