माना की ताने झगड़े का जड़ होते
पर बहुतो का जीवन ए सवार देते ,
यह तो व्यक्ति विशेष पर है
वे इसे कैसे हैं लेते
वे इसके ऊर्जा को संचय करते
या यू ही बिखेर देते ,
ताने में असीम ऊर्जा हैं होते
जो सकारात्मक ले वो सवर जाते
जो नकारात्मक ले वो बिगड़ जाते
नाम निशानी सब मिटाते ,
ताने मार लोग भले को बुरा बना देते
लोहे को धुरा बना देते
ताने के उपज में हीं
कालिदास एवं तुलसी दास आते
जिनकी गाथा हैं जन-जन गाते ,
ताने में नोक-झोंक हैं दीखते
अपने रिश्ते में भी खरोच दीखते
ताने स्वर्ग को नर्क बना देते
शिखर को गर्त बना देते ,
आप से है गुजारिस
ताने से न घबराईए
इसकी ऊर्जा को
अपनी तागत बनाईए।
बहुत अर्थपूर्ण और प्रेरणादायक रचना. बस थोड़ी वर्तनियों की अशुद्धि लगी
जी धन्यवाद बताने के लिए सुधारने का प्रयास करता हूँ।
अति सुंदर रचना !!