बचपन की यादें
बचपन की यादें
अब सताती हैं
अकेला होने पर
बहुत हंसाती हैं।
बचपन की हठखेलियां
लम्बी चौड़ी वो गलियां
जिनमें मुझे घुमने
हाथ पकड़ ले जाती है।
बचपन की यादें
अब सताती हैं ।
मिट्टी से सना तन
घुमते हर गली, हर वन
जिनमें पंछी चहकते हैं
और चिड़ियां गाती हैं।
बचपन की यादें
अब सताती हैं ।
-ः0ः-
nice one…………..!!