हाय रे नशा और नशेडि़यों की दोस्ती
लोगों ने इसे तमाशा बना दिया
वे वजह के समय जा बासा बना दिया
दोस्ती के नाम पर ए न कुछ करें
शाम ढलते हीं पैग पर पैग ढारें ,
अगर इनसे कुछ सहयोग मांगो
ए ऐसे मुख बनाए
जैसे वर्षो का आमद उनका
उसी में जाए
वे वजह ही ए पार्टी मनाए
रम , विस्की , वाइन से
रिश्ते को आगे बढ़ाए ,
करोगे नाशा विगड़ेगी दशा
नशा और नशेड़ियों की दोस्ती से
कुछ नहीं आता
सिर्फ सब कुछ जाता ही जाता ,
दोस्ती तो इनके लिए
मात्र एक शब्द रह गया
न वह अपनापन न वह
दर्द रह गया
नशा और नशेड़ियों में
न कोई फर्क रह गया।