हालात है मेरे खिलाफ,
वक्त भी अपनी औकात दिखा रहा है।।
कल तक जो थी मेरे साथ,
उन्हें अपने साथ लेकर आ रहा है।।
हर गुनेहगार की नजरें उठी है मेरे चेहरे की तरफ,
जैसे मेंरे चेहरे से उनका गुनाह नजर आ रहा है।।
हालात है मेरे खिलाफ,
वक्त भी अपनी औकात दिखा रहा है।।
वक्त की ताकत का सुन्दर अह्सास कराया है आपने. सम्भव हो तो मेरी भी “वक्त” रचना पर अपने विचार भेजे.
वक़्त सर्व शक्तिमान है, कहावत प्रचलित है :
“वक़्त मेहरबान तो गधा पहलवान “
Nice one.. !