नींद नहीं आती मां मुझको ,
प्यारी सी एक थप्पी दे जा !
बहुत सताती है याद तेरी ,
छोटी सी एक पप्पी दे जा !!
व्याकुलता तेरे चिन्तन की
जब-जब मुझको तडफाती है ,
पल मे उदास हो जाता हूं
बेचैनी बढ जाती है !
सहलाती सर को मेरे ,
अपने ममतामयी हाथों से
मां ! पल्लू से तू हवा लगाती
सपनो मे आ जाती हो !
चैन नहीं मिलता दुनिया में
सब कुछ लगता वीराना है ,
बेदर्द जमाने की आहट
मां बस तूने पहचाना है !
ये रंग भरी मेरी दुनिया
कुछ वीरानी सी लगती है,
सब कुछ अपना होने पर
अन्जानी सी लगती है !!
नींद नही आती मां मुझको
प्यारी सी एक थप्पी दे जा !!
बहुत सुन्दर बात कही आपने Anuj
सुक्रिया शिशिर जी
मां की ममता की शक्ति का अहसास बेहद मर्मस्पर्शी शब्दों में खूबसूरती से पेश किया ! बहुत अच्छे अनुज !!
सुक्रिया निवातिया जी!!
बेहद सुन्दर रचना…माँ की ममता को बखूबी बयां किया है आपने
Thanks Tiwari ji
Thanks Tiwari ji. !