यह रचना मेरी बेटी ने मेरे लिए लिखी थी, इसको आपके साथ साझा कर रहा हूँ, आशा है आप सब का स्नेह आशीर्वाद इस बच्ची को प्राप्त होगा !!
मेर जिंदगी … .मेरे पापा
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मेरी जिंदगी है मेरे पापा,
मेरी बंदगी है मेरे पापा !!
दुनिया के लिए एक आम इंसान है,
लेकिन मेरे लिए भगवान मेरे पापा !!
उन से ही है मेरा अस्तित्व
उन से ही है मेरी पहचान !!
उन्होंने सिखाया जिंदगी जीना,
उनके बिना मेरा जीवन अधूरा !!
मेरी जिंदगी है मेरे पापा,
मेरी बंदगी है मेरे पापा !!
[—-:: हर्षिता निवातियाँ ::—–]
हर्षिता ने गणेश जी की तरह अपने पिता के लिए रचना लिखकर अच्छी शुरुआत की है.
शुक्रिया शिशिर जी, आपके आशीर्वाद की आकांक्षी !!
ये तो बस उसने प्रेम वश अपने भाव कागज़ पर उतार दिए !!
लाजवाब कविता ….
खुशी की बात तो ये है की आप की बेटी भी कविता लिखती है…….
दुआ करता हू वो एक बडी रचनाकार बने …..
आपका आशीर्वाद बना रहे !
वैसे मैंने इस बारे में उससे जानना चाहा तो उसने इसे अपना “शौक” जाहिर किया अपनी किस्मत किसी और क्षेत्र में आजमाना पसंद करेगी !
नन्ही कलम को बहुत बहुत शुभकामनाएं
शुक्रिया गिरीजा जी , आपके आशीर्वाद की आकांक्षी !!