Homeउत्तम टेकरीवालकैद कैद Uttam उत्तम टेकरीवाल 13/10/2015 1 Comment नयनों के तपन से होठों के कम्पन से नैकट्य की चाहन से — हम बँधे हैं सुइयों की धड़कन से साँसों की घुटन से भाग्य विघटन से — हम बँधे हैं माया के मन में आडम्बर के तन में व्यस्त जीवन में — हम बँधे हैं – Uttam Tekriwal Tweet Pin It Related Posts ::: दीपक का जीवन ::: देवी बंटवारा About The Author Uttam One Response Shishir "Madhukar" 14/10/2015 बहूत खूबसूरती से जीवन को परिभाषित किया है उत्तम जी Reply Leave a Reply Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.
बहूत खूबसूरती से जीवन को परिभाषित किया है उत्तम जी