जुमले , जनता और जनतंत्र
शैतान
ब्रह्मपिशाच
आरक्षण
जातिबाद
चारा चोर
नर भक्षी
डी एन ए
जैसे
जुमलों के बीच
आम आदमी
बिकास
गरीबी
मँहगाई
भृष्टाचार
जैसे सामायिक मुद्दे
अचानक परिदृश्य से गायब से हो गए
अब आज चुनाब के प्रथम चरण में
बिहार की जनता को
निर्णय करना है
कि वे किसके साथ हैं
और कौन उनकी
अपेक्षायें पूरी कर सकता है।
मदन मोहन सक्सेना
सुन्दर अभिव्यक्ति !!
ना जाने कब वो दिन आएगा जब भारत की जनता इतनी परिपक्व होगी कि जो सत्य कवि ने उजागर किया है उसे पह्चान कर सही चुनाव करेगी.