Homeआरज़ू लखनवीन यह कहो “तेरी तक़दीर का हूँ मै मालिक” न यह कहो “तेरी तक़दीर का हूँ मै मालिक” शुभाष आरज़ू लखनवी 24/02/2012 No Comments न यह कहो “तेरी तक़दीर का हूँ मैं मालिक। बनो जो चाहो ख़ुदा के लिए, ख़ुदा न बनो॥ अगर है जुर्मे-मुहब्बत तो ख़ैर यूँ ही सही। मगर तुम्हीं कहीं इस जुर्म की सज़ा न बनो॥ मिले भी कुछ तो है बेहतर तलब से इस्तग़ना। बनो तो शाह बनो, ‘आरज़ू’! गदा न बनो॥ Tweet Pin It Related Posts आ गई मंज़िलें-मुराद, बांगेदरा को भूल जा हमारा ज़िक्र जो ज़ालिम की अंजुमन में नहीं साथ हर हिचकी के लब पर उनका नाम आया तो क्या? About The Author शुभाष Leave a Reply Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.