आज चला गया वह
इस दुनियाँ को छोड़
इस दुख की जीवन
पापी संसार को छोड़
क्यो चला गया वह ?
इतनी दूर चला गया वह
जो कभी लौट न आये
पर, क्यो चला गया
अपनी माँ को छोड़
अपनी साथी
अपने समाज को छोड़
बिना बताए
सब को रुलाए
दुखों के सागर में
ममता को डुबाए
चला गया वह
दुनिया को छोड़
इस दुख की जीवन
पापी संसार को छोड़
क्यों चला गया वह ?
—–संदीप कुमार सिंह ।
प्रकृति का नियम है जिसके मध्य सबको गुजरना है !