आज कहा फिर किसी ने मुझसे
इश्क कहाँ अब होता है
जिसको कहते हो इश्क यहाँ तुम
वह तो एक धोखा है
इश्क हुआ करता था जब वो
सुन्दर समय है बीत गया
आज इश्क के आगे देखो
भौतिकवाद है जीत गया
पहले प्रेमी मर जाते थे
अपने प्रेम की आन पर
कभी दग़ा नहीं करते थे
मजबूरी को मान कर
लेकिन आज बदल गया है
ये सारा का सारा दौर
हर समय लोग सोचा करते हैं
मिल जाए कोई अच्छा और.
शिशिर “मधुकर”