खामोशिया भी गुनगुनाती है यादो में तेरी,,
मै रहु चुप नजरे कहती है बाते ये मेरी,,
खुदसे ही कहता हुँ बाते अपनी इन खामोशियो मे मेरी,,
रो लेता हुँ हस लेता हुँ अपनी ही आवाज से करके बाते तेरी ,,
खामोशिया भी गुनगुनाती है यादो में तेरी,,
मुकमल कुछ भी नहीं यहा जिंदगी मे मेरी ,,
बस यादे है तड़प है जो सुनाती है बाते तेरी ,,
मै यही पे जुड़ा यही पे भिखरा हु मोहब्बत मे तेरी ,,
खामोशिया भी गुनगुनाती है यादो में तेरी,,
बस पल भर के अफसानों की कहानी है मेरी,,
मेरी ही कहानी गुनगुनाती है खामोशिया मेरी,,
पल -२ मे बसा मोहब्बत का कारवां जो तुझसे थी मेरी ,,
खामोशिया भी गुनगुनाती है यादो में तेरी,,
#writer_Lj
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अच्छी है बहुत लोहित।
Dhanywad rakesh bhai .. And anuj bhaisahab