This is Dr. Mobeen Khan, born and brought up in Pratapgarh (U.P.). Hailing
from a family which instilled the power of knowledge though pen and embodying into expression of self and the world.
4 Comments
राकेश जयहिन्द06/10/2015
अच्छा बताया आपने देश की इज्जत पर धब्बा लग जाता है कभी कभी। पूर्व में प्रकाशित कच्चे धागे कविता पर भी प्रतिक्रिया दें।
अच्छा बताया आपने देश की इज्जत पर धब्बा लग जाता है कभी कभी। पूर्व में प्रकाशित कच्चे धागे कविता पर भी प्रतिक्रिया दें।
शुक्रिया जी….. आपकी रचना ज़रूर पढ़ुगा
मानवीय सोच कितनी क्षीण होती जा रही है, उसका सुन्दर उदहारण !!
बहुत बहुत शुक्रिया आपका