दम्भ किस बात का
उंगलियो वाले दो पैर
सीधी कमर
या चर्बी से उबलते पेट का ?
एक ही को चार तरह से
पका सकने की जानकारी,
या मुँह पर उस्तरा चलाने की कलाकारी ।
दम्भ कपडे का है या विज्ञानं का ?
लिख लिख के बड़े भाव जगाये
सही कहा ।
ममता की परिभाषा दी,
खोजा शायद सब,
जीवन का रहस्य ।
सिस्टम बनाया है सोफिस्टिकेटेड
सब तरीके से होगा।
क़ानूनी तरीका अमल होगा
काम असल होगा
किस बात का है दम्भ !
अलग करने की वजहों के अम्बार का
या पशुता के व्यापार का ।
बच्चे तेरे भूखे मरते हैं
माँओं को रौंद दिया जाता है सरहद पार करते
बार बार।
मांस बिकता है जानवर का इंसान की तरह
क्या
क्यों
आँख मूँद कर
झूठे
दुनिया से इतर विचार का
किस बात का ?
– औचित्य कुमार सिंह (05-10-2015)
झूठी सभ्यता पर सटीक व्यंग
धन्यवाद। इसी प्रकार दिशानिर्देशित कर उत्साह वर्धित करते रहें ।
Hindisahitya group whats up परिवार मे आप का स्वागत है……
सम्लित होने के लिये आपका मो. नं. दें…
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आज के जीवन का सत्य खूब लिखा है। काबिल-ए-तारीफ़
राकेश जी, अनुज जी आपका धन्यवाद।
अनुज जी आपके आमंत्रण का आभारी हूँ। मेरा नं 9015597195 है ।
वर्तमान जीवन शैली के स्वरुप के उजागर करती अच्छी रचना !!
इस रचना के प्रति उदार दृष्टि के लिए धन्यवाद