पेड़ अगर सूख गए तो क्या
उसे पानी तो दो
तुम अगर थक गए तो क्या
थोड़ी सांस तो लो
कोई साथ न दे रहा तो क्या
खुद पर भरोसा तो करो
हिम्मत टूट रही तो क्या
तुम वार तो करो
हार यहाँ सभी ने देखे हैं
फिर भी मौके उन्होंने हज़ार पाय हैं
अपने मौके का इन्तेजार करो डट कर
हर परेशानी से मिलो हंस कर
मंजिल अपनी पास तुम पाओगे
तुम अपनी जंग में जीत जरूर जाओगे
कोई तुमसे तुम्हारा हक़ ना छीन पाएगा
तुम्हारे लिए किस्मत भी खुद चल के आएगा
आँखों से आंसू निकल रहे तो क्या
तुम अरमान तो करो
अपनी कल की खुशियो का
तुम एहसास तो करो
रोक न पाये तुम्हे कोई
तुम ऐसी रफ़्तार तो भरो
हिम्मत अगर टूट रही तो क्या
तुम एक प्रयास तो करो
तुम एक बार वार तो करो
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Lovely poem on positivity
Thank you sir..