Homeकाका हाथरसीक्षमा प्रार्थना क्षमा प्रार्थना शुभाष काका हाथरसी 24/02/2012 No Comments मिला निमंत्रण आपका, धन्यवाद श्रीमान, किंतु हमारे हाल पर कुछ तो दीजे ध्यान। कुछ तो दीजे ध्यान, हुक्म काकी का ऐसा, बहुत कर चुके प्राप्त, प्रतिष्ठा-पदवी-पैसा। खबरदार, अब कविसम्मेलन में मत जाओ, लिखो पुस्तकें, हास्य-व्यंग्य के फूल खिलाओ। Tweet Pin It Related Posts पिल्ला एकता व्यंग्य एक नश्तर है About The Author शुभाष Leave a Reply Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.