१)
कवि बहरा कवि बावरा , कवि की टेढी चाल !
कवि करनी करतूत से , करे बाल की खाल !!
२)
बच्चों सा मासूम दिल , सम दर्पण दिल साफ !
पंछी सा उडता फिरे , करे सदा इन्साफ !!
३)
सहमे से बादल उठे , धुन्ध उठा भरपूर !
दिल के हर अरमान को ,करके चकनाचूर !!
४)
रंग उजारे बाग ने , रौनक रही न एक !
अरमानो से सजे थे , जीवन के संलेख !!
Anuj Tiwari
nice 1
Thanks Ankita ji
Interesting
Thanks Shishir ji
निवेदन …. सभी रचनाकारों से निवेदन है …जिस किसी को हीन्दी साहित्य वार्ट्सौप ग्रुप मे सामिल होना है वो अपना न. …९१५८६८८४१८ पर भेजे…