Homeकाका हाथरसीडर था उसका डर था उसका शुभाष काका हाथरसी 24/02/2012 No Comments लुट जाने का डर था उसका आबादी में घर था उसका उस बस्ती में जीना कैसा मरना भी दूभर था उसका दिल की बातें खाक समझता दिल भी तो पत्थर था उसका उड़ने में ही था जो बाधक अपना घायल पर था उसका रहता था वो डरा-डरा सा कहने को तो घर था उसका Tweet Pin It Related Posts तेली कौ ब्याह क्षमा प्रार्थना श्री गजराज About The Author शुभाष Leave a Reply Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.