उसने देखा था एक सपना,
बने महाशक्ती देश अपना
देखो छोड गया वो दुनीया,
जो जागते देखता था सपना
उमर भलेही बढती गई,
उम्मिदे जराभी कमना हुई
नितदिन कर्म करता रहा,
जीनेकी राह दिखाता रहा
एक आईना सच्चाई का
नाम मिला मिसाईल का
कर्मसे लिखा जिसने अस्तित्व
वो केवल अब्दुल कलाम था
वो केवल अब्दुल कलाम था
———**———-
पूर्व राष्ट्रपती
ए.पी.जे. अब्दुल कलाम
साहब को भावपूर्ण श्रद्धांजली!
शशिकांत शांडीले (SD), नागपूर
Mo.9975995450
very good
बहुत शुक्रिया DK जी