- रास रचैया, बंसी बजैया,
हे गिरधर गोपाल,
कहाँ छुपे हो कृष्ण कन्हैया
दर्शन दो भगवान !!नाग कालिया फन फैलाये,
भ्रष्टाचार की मार रहा फुंकार
जन साधारण त्रस्त हुआ है,
आकर कुछ कर जाओ उद्धार !!कहाँ छुपे हो ………दर्शन दो भगवान !!
क्रूर हुआ नफरत का दानव,
जग मे हो रहा चहुँ और अत्याचार,
धर्मराज मुहँ लटकाये खड़े है,
अब आकर कर जाओ कुछ उपचार !!कहाँ छुपे हो ………दर्शन दो भगवान !!
सत्य पर असत्य भारी,
झूठ रचे अब शकुनि जैसा स्वांग,
नारी हुई द्रौपदी सी असहाय,
आकर लाज बचा ले मेरे भगवान !!कहाँ छुपे हो ………दर्शन दो भगवान !!
हर बाप वासुदेव सा तड़प रहा,
हर माँ ढूंढ रही आज अपना नंदलाल
रिश्तो का निशदिन होता चीरहरण
दौलत मे अँधा हुआ आज हर इंसान !कहाँ छुपे हो ………दर्शन दो भगवान !!
नीरे नर नारी भेष बदल,
करते “राधा मैया ” का नाम बदनाम
प्रेम प्रीत आज पाप बनी है,
आकर दुनिया को समझा दो भगवान !कहाँ छुपे हो ………दर्शन दो भगवान !!
हर एक बाला बनके राधा,
ढूंढ़ रहे जग में सच्चा प्यार
मै भक्त सखा सुदामा,
दर दर भटकूँ, मुझको भी दर्शन दो एक बार !!कहाँ छुपे हो ………दर्शन दो भगवान !!
मथुरा खोजूँ, गोकुल खोजूँ
तुमको खोजूँ वृन्दावन धाम
खग-मृग, मधुकर श्रेणी
सब करते हर पल तेरा इन्तजारकहाँ छुपे हो ………दर्शन दो भगवान !!
रास रचैया, बंसी बजैया,
हे गिरधर गोपाल,
कहाँ छुपे हो कृष्ण कन्हैया
दर्शन तो भगवान !
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!डी. के. निवातियाँ ________!!!