अब आओ तो नया सवेरा लेते आना…
इस गम से जी भर चुका है,
थोड़ी खुशियां लेते आना..!!
अब आओ तो नया समय लेते आना…
ये रात भारी हो रही है,
वो शाम लेते आना..!!
अब आओ तो नया सफर लेते आना…
ये मंज़िलें तो मुकम्मल नहीं है,
वो टूटे तारे (दुआ) लेते आना..!!
अब आओ तो नया तूफ़ान लेते आना…
इन आंधियों में वो बात नहीं है,
थोड़ा जोश लेते आना..!!
अब आओ तो नयी बर्बादी लेते आना…
ये आग अब बुझ गयी है,
थोड़ी राख लेते आना..!!
अब आओ अगर तो नया आसमान लेते आना…
ये उड़ानें रद्द हो गयी हैं,
थोड़े अरमान साथ लेते आना..!!
बहुत सुन्दर रचना !! जारी रखे !
Thank You Mr. DK Nivatiya. It’s my first to write and publish my poems Thanks for the amazing motivation.!!
AB AAO TOH THODI MOHABBAT LETE AANA
IN WAADO MEIN WO BAAT NAHI
NAYA ISHQ LETE AANA…..!!!!