न भ्रष्टाचार खतरा है
न अत्याचार खतरा है
ऊंच- नीच, भेदभाव ने
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न कोई हिन्दू खतरा है
न मुसलमान खतरा है
हज़ारों साल गुलामी के
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न चीन ही खतरा है
न पाकिस्तान खतरा है
फ़िज़ा में जाति ज़हर है जो
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न नक्सलवाद खतरा है
न आतंकवाद खतरा है
इस पावन मातृभूमि पर
Hindi poem by Mithilesh Anbhigya, based on casteism in India,
बहुत खूबसूरत !!
बहुत आभार आपका.
बहुत सुन्दर
धन्यवाद आपका.
बिल्कुल सही
बहुत धन्यवाद आपका.
Aapka har post super hai,main aapko dil se kahta hun