चुनाव का त्योहार आया
होली का हुड़दंग भी जिस से सरमाया
नेता एक दूजे पर कीचड़ उछालें
समर्थन और विरोध में कसीदा काटें ,
कहते यह लोकतंत्र का पावन पर्व है
इसमें नहीं किसी को कोई शर्म है
एक दूजे को करें बदनाम
इसी से समझें अपने को महान ,
मुख से लोग आग उगलते
जैसे करने चलें हैं
होलिका दहन या हो
ड्रैगन का संतान ,
किसी तरह उन्हें जीत चहिए
चाहे उन्हें पहनना पड़े नरमुण्ड
या जाना पड़े श्मशान
देखो गजब है यह “चुनावी त्योहार ” ।
अति सुन्दर !!
जी धन्यवाद