नया अल्फाज होता है !
हसीं अन्दाज होता है !
एक नई सुबह के साथ ,
नया आगाज होता है !!
कभी अन्जान होता है !
कभी अज्ञान होता है !
जो बहकाबे मे आता है ,
वो हुस्न नादान है !!
कभी अरमान होता है !
कहीं गुनगान होता है !
हुस्न को न्योता देने वाला ,
एक महमान होता है !!
कोई सबनम चुराता है !
कोई मरहम लगाता है !
हुस्न को अपना मानें जो ,
उसे हमदम बताता है !!
कभी अपमान होता है !
कहीं बलिदान होता है !
हुस्न का सौदा करने वाला ,
एक सैतान होता है !!
कभी बदनाम होता है !
कहीं गुमनाम होता है !
यहां बाजार मे देखा ,
हुस्न नीलाम होता है !!
Anuj Tiwari
bohut khubsurat andaz me bayan kiya aap ne HUSN k bare me…..mujhe to bohut achcha laga….aap aise hi barkarar rakkhe apne hunar ko….
दास जी सुक्रिया , बस आप लोग ऐसे ही प्यार देते रहिये !!
सुन्दर अभिव्यक्ति !! हर पहलू को छू लिया !!
Thank you jh
Thank you निवातिया साहेब
….
Wah it is very beautiful….
सुक्रिया Amitu Ji !!