पिंजड़-बंद, मधुर स्वर में गाना,
आसान नहीं होता !
पर मीठी आवाज़ से भी वो लोहा पिघलादे,
जो कठिनाइयों में अपना धीरज नहीं खोता ।
तूफान में अपनी क्षमा जलाए रखना
आसान नहीं होता !
पर निष्ठुर हवा के झोंकों को भी वो दिशा दिखा दे,
जो खुद भस्म होकर भी अपनी लौं नहीं खोता ।
दलदल में फँस जाने पर, अचल रहना,
आसान नहीं होता !
पर अपरिहार्य अवस्था में भी वो उम्मीद जगा दे,
जो अस्थिर स्थिथियों में भी अपना संतुलन नहीं खोता ।
प्रियतम से छल पाकर अकेले चलना,
आसान नहीं होता !
पर निर्मम दिलों को भी वो कोमल बना दे
जो उजड़ कर भी, मोहब्बत पे से अपना विश्वास नहीं खोता ।
जिस भी दशा में, जो भी कार्य करो,
मन लगाकर करो, ना घृणा करो |
क्योंकि लक्ष्य तक के इस दुष्कर राह पर,
मुस्कुरा कर चलना आसान नहीं होता |
Welcome to Hindi Sahitya…
Thank you Sir 🙂
शीना जी, जिस खूबसूरती से आप ने अपने भाव व्यक्त किए हैं – वह भी आसान नहीं होता ! Congrats.
Thank you for encouraging, Bimla Ji 🙂
बहुत सुन्दर शब्द रचना है आपकी.
धन्यवाद Sir 🙂