तेरे तन्हाई के समुन्दर में मुझे, मेरे प्यार की तलाश थी ;
तेरे उदासी भरे पल में मुझे , एक मुस्कान की तलाश थी ;
तेरे अकेलेपन की ज़िंदगी में मुझे , मेरे साथ की तलाश थी ;
मैं तुझमे और तू मुझमें मिले , हर पल इसी चाहत की तलाश थी !!
तेरे गुमनाम सी ज़िन्दगी में मुझे, मेरे नाम की तलाश थी ;
तेरे परेशानी भरे पल में मुझे, मेरी राहत की तलाश थी ,
तेरे सहमें हुए दिल में मुझे , मेरी हिम्मत की तलाश थी ;
मैं तुझमे और तू मुझमें मिले , हर पल इसी चाहत की तलाश थी !!
तेरे अधूरे से ख्वाब को मुझे, पूरा करने की तलाश थी ;
तेरे मुरझाये बागों को मुझे, उसे खिलाने की तलाश थी ;
तेरे दिन की शुरुआत में मुझे , मेरे संग की तलाश थी ;
मैं तुझमे और तू मुझमें मिले , हर पल इसी चाहत की तलाश थी !!
तेरे सुनसान राहों में मुझे, मेरी मुलाकात की तलाश थी ;
तेरे बुरे वक़्त में मुझे ,मेरी दुआओं की तलाश थी ;
तेरे सुकून की नींद में मुझे ,मेरे सपनों की तलाश थी ;
मैं तुझमे और तू मुझमें मिले , हर पल इसी चाहत की तलाश थी !!
सुन्दर शब्द संयोजन !! अच्छी रचना !!
Dhnyadwad aapka…..
Lajavab
Shukriya Anuj ji