‘मेरा बचपन मुझे याद आता है।।’
माँ की लोरियां,
पिता का दुलार याद आता है।
माँ की गोंद में सर रखना,
पिता का झूले पर झुलाना याद आता है।
मेरा बचपन मुझे याद आता है।।
बारिस में भीगना,
मोहल्ले भर में दौड़ना याद आता है।
दादी का प्यार,
दादा जी का दिया संस्कार याद आता है।
मेरा बचपन मुझे याद आता है।।
स्कूल से छिपकर निकलना,
गुरु जी का गुस्सा याद आता है।
घर पर आकर माँ से झूठ बोलना,
पर पिता जी से ना बच पाना याद आता है।
मेरा बचपन मुझे याद आता है।।
वो ननिहाल जाना,
नाना के संग मेला घूमना याद आता है।
वो मामा का हँसना,
मामी का सर पर हाथ रखना याद आता है।
मेरा बचपन मुझे याद आता है।।
दीपावली के पटाखे,
ईद की सेवाइयाँ याद आती हैं।
होली के रंग,
रंग में डूबा हुआ मोहल्ला याद आता है।
मेरा बचपन मुझे याद आता है।।
वो अपना माटी का खिलौना,
हाथी और घोड़ा याद आता है।
वो दस पैसे से खरीदा हुआ बन्दूक,
बहुत याद आता है।
मेरा बचपन मुझे याद आता है।।
बाकै आप ने बचपन की याद दिला दी …. नहुत अच्छा लगा …..
शुक्रिया अनुज जी…….
Grttt boss…bahut bahut achha likha hai aapne. ??