ज़िन्दगी की जदों-जहद,
हमेशा चलती रहती है,
खुशियाँ कम और
दुःख ढेरों मिलते है,
खुशियों के पलों को ढूंढना,
एक बहुत बड़ी चनौती,
बन जाती है,
ग़मों के साथ रहना,
एक आदत हो जाती है,
खुश रहने की दवा,
गर मिलती बाज़ार में,
तो मे-खानों में भीड़,
कम हो जाती |
बी.शिवानी
Nice
Thank You