Homeसोनिका मिश्राshayri shayri SONIKA सोनिका मिश्रा 09/08/2015 No Comments मैं जो हूँ वो, कोई जानता नहीं है | शायद कोई यहाँ मुझे,पहचानता नहीं है || खोये है भीड़ में हम, यहाँ कोई सहारा नहीं है | मेरे आंसू ही मुझे रुला देते है, मेरी खुशियो का कोई किनारा नहीं है || Tweet Pin It Related Posts कब सावन आवे मुझे कुछ दिनों की, मोहलत तो दे दो! शायरी भाग 1 About The Author Pooja