रूप रंग से मालामाल हो तुम !
बेमिसाल ! हुस्न-ए-जमाल हो तुम !!
जवाब देना शायद मुश्किल ही होगा !
बौखलाये दिल के हजारों सवाल हो तुम !!
देखते ही तुझे झटपटा सा गया हूं !
जाने कौन सी मीठी गराल हो तुम !!
गुरूर-ए-जिस्म का जरा जायजा तो लेने दे !
मालुम तो चले , कैसी मायाजाल हो तुम !!
तुम्ही तुम आज मुझमे समाई हो !
वाकै जो भी हो , कमाल हो तुम !!
अनुज तिवारी “इन्दवार “