कोई तो खास बात होगी……
हवा ने आज अपनी नयी रुख ले ली ,
सितारों ने अपनी नयी जगह बदल ली ,
खामोशियों ने भी आज अपनी चुप्पी तोड़ ली ,
तन्हाइयों ने भी मुस्कराहट से दोस्ती कर ली |
लगता है एक नए सफर की शुरुआत होगी ,
इस सफर में कोई तो खास बात होगी |
मैं भी गुज़रे कल को कब्र में दफ़नाने लगा ,
आज खुद से ही खुद को मिलाने लगा ,
अपने अंदर ही अंदर खुशियां टटोलने लगा ,
और इस नए रूप से खुद को परिचय कराने लगा |
लगता है एक नए आज की शुरुआत होगी ,
इस आज में कोई तो खास बात होगी |
अपनी नयी ज़िन्दगी की जड़ को मजबूत करने लगा ,
आंधी और तूफानों तक को मैं डराने लगा ,
अपनी कश्ती को एक नया किनारा देने लगा ,
इस सफर में हमसफ़र खुद को बनाने लगा ,
लगता है एक नए आगाज की शुरुआत होगी ,
इस आगाज में कोई तो खास बात होगी …………
अंकिता अंशू आप ने बहुत अच्छा लिखा है ।अपने साथ चलने से ज़्यादा खास बात हो ही नहीं सकती ।beautiful .Carry on.
Thanku so much
बहुत ख़ूब !
Shukriya