बेटी बचाओ
अमूल्य उपहार
धरा श्रृंगार ,
बदलो सोच
वरना रोती होगी
अगली पीढ़ी ,
हैं भाग्यशाली
घर का उपवन
सफल जन्म,
मर चुके वो
मारते हैं कोख में
मिले राख मे,
भाँपो खतरा
बिगड़ा संतुलन
सूना आँगन,
क्यों पछताना
अभी सम्भले नहीं
या हिले नहीं ,
उठ सम्भल
सुरक्षित बेटियां
ये ही है हल II
हितेश कुमार शर्मा
बहुत अच्छे
Thanks