।।गज़ल।।उदास है मौसम ।।
कल परसो से बड़ा ही खास है मौसम ।।
पर तू नही तो तेरे बिन उदास है मौसम ।।
तेरी याद आती है तो बरसात हो जाती ।। सच है मेरे गम की तरह बिंदास है मौसम ।।
इल्म तुमको हो न हो यकी मुझको हो गया है ।।
तेरे प्यार का नया एहसास है मौसम ।।
गम और तन्हा की रौनक अब यहा छाने लगी ।।
अब मुझे हो गया बिस्वास है मौसम ।।
कि तू नही आयेगी मिलने शाम ढलने तक ।।
अब दिन ब दिन हो रहा बकवास है मौसम ।।
………….R.K.M
सुक्रिया गजल सम्राट Mishra ji
Gajal me achhi pakad hai aap ki!!!
आपको आभार समर्पित ।।
धन्यवाद ।।
आप ही कहा कम है ।।
आभार ।।