सुर छेड दिये हमने अपने ,
जो धधक रहे थे इस दिल मे !
कातिल मुखडो से भरी हुई ,
दिल वालो की उस महफिल मे !!
एक शायर इस पार खडा ,
एक शायर उस पार खडा !
शायर ने जब शेर किये ,
शब्दो को चकनाचूर किये !!
सुर से सुर की सौगात हुई ,
फिर धुआधार बरसात हुई !
घायल हो हो कर प्राण चले ,
जब वाणी से तीर कमान चले !!
सुर दुल्हन से सजे हुए ,
जजबातो की एक डोली मे !
रन्गे हुए थे हर मुखडे ,
मुखडो के सुर की होली मे !!
महफिल मे चान्द से मुखडे थे ,
पर मुखडे उखडे उखडे थे !
शायर के हर मुखडे मे ,
भावो के टुकडे-टुकडे थे !!
मुखडो के कायल मुखडे भी ,
मुखडे से घायल मुखडे भी !
मुखडे से मुखडे टकराते ,
मुखडे के टुकडे हो जाते !!
मुखडे के हर मुखडे ने ,
मुखडो को झकझोर दिये !
मुखडे के जजबात यहा ,
मुखडे से भाव विभोर हुए !!
मुखडे की हालत कुछ ऐसी ,
मुखडे मे फर्माया था !
टकटकी लगा हर मुखडा ,
मुखडे पे गौर जमाया था !!
मुखडे पे मुखडे फेक रहे ,
मुखडे से मुखडे फेक रहे !
सुर चिपक रहे उन मुकडो मे ,
मुखडे मुखडे को देख रहे !!
मुखडा मुखडे का प्यासा ,
मुखडे से मुखडे की भाषा !
uuh
अनुज तिवारी
In process
nice one….hlw anuj ji, maine bahut pahle mail kr diya tha but abhi tk name add nahi hua hai….kaise hoga
Aap ne kon so mail ID par mail kiya hai !
मुखड़े का शब्द चित्रांकन एक दम अद्भुत !!
कमाल की शब्दावली !! प्रसंशनीय !!
मुखड़े शब्द का चित्रांकन, एक दम अद्भुत !!
कमाल की शब्दावली !! प्रसंशनीय !!
Thanks DK Saheb
Ye sab aap se he sekha hoo !!!!!
Thanks a lot !!!!
बहुत अच्छी रचना ।।
बहुत अच्छी रचना । भावो को उकेर दिया है ।।
App ka address and other details mere mob no. Pe SMS kar do .
Mai try karta hun.
i don’t have ur mob. no.
If you want , you can find the no.
leave it