न कोई नाम रहेगा, न कोई निशान रहेगा |
कुछ इस तरह मिटाएगे यादें तुम्हारी,
की हर रास्ता भी अनजान रहेगा ||
हर बार टूटते रिश्ते को बचाया है,
तुम्हारे लिए आत्मसम्मान को झुकाया है |
पर आज तो मेरे सब्र का ही इम्तिहान ले लिया,
न की थी ऐसी उम्मीद,
तुमने इसे दुश्मनी का नाम दे दिया ||
सुना था कुछ खास होता है ये रिश्ता,
सब दूर हो जाए फिर भी पास होता है ये रिश्ता |
बहुत खूबसूरती से इस ज़िंदगी को दोस्ती से मिलाया,
दोस्ती ने भी पहले ज़िंदगी को बहलाया ||
फिर तोडा कुछ इस तरह से,कि ज़िंदगी उठ न सके |
बिखर जाए अंधेरो की तरह, फिर कभी खिल न सके ||
पर नादान है दोस्ती, उसको ये एहसास नहीं |
ज़िंदगी कोई फूल नहीं, जो मुरझा जाए,
ज़िंदगी वो पत्थर है, जो घिसकर और चमक जाए ||
ये इतनी नाज़ुक भी नहीं कि, भावनाओ में जकड कर टूट जाएगी |
कोई रहे न रहे साथ इसके, पर ये मंजिल तक जरूर जाएगी ||
रचयिता सोनिका मिश्रा
सुन्दर अभिव्यक्ति !!
शुक्रिया
Kis address pe mail kiya aapne
[email protected]
[email protected]….maine is address pr send kiya tha.
Aap apna poora name Aur usame nick name add kar fir se with details mail kar ke try kijiye sayad system ka kuchh falt hoga !!!!!
Mail karne ke bad aap apana nam writing page ke category box me dekhiye!!!
i have done all these. but i didn’t get any response
Anuj ji, please tell me ..what vl i do for adding in the list.
Adding process is very simple. But i think you are doing some mistakes.
may u send me whole format of sending mail.?