कलयुगी बेटों का नरेन्द्र क्या करू बखान
ए अपने मुख मियाँ मिठू
गाते हैं अपना गुण-गान
बनते हैं महान।
कहते हैं,मैं वो पुत्र नहीं
जो आपको कंधो पर घुमाऊ
आपके आदेश से वन को जाऊँ
आपको कारा से छुड़ाऊ।
मैं वो हूँ
जो सभी से अपना पिछा छुड़ाऊ
कलेजे पर तान बन्दुक मैं
पैतृक सम्पति में हिस्सा पाऊँ।
अपने स्वार्थ के लिए
न्यालय के शरण में जाऊँ
अपना कर्त्वय भूल
कानूनी हक जताऊ।
वहाँ भी हमें जब लगे घाटा
पुरी सम्पति को न्यालय ने
भाई-बहन माता-पिता में बराबर बट्टा
वहाँ से भी मैं कन्नी कटा।
मैं बनूंगा देश का नेता
झुठ मेरे नश-नश में स्वार्थ मेरा पेशा
गया जमाना आज्ञाकारिता का
मैं हूँ कलयुगी बेटा
मैं हूँ कलयुगी बेटा।
Narendra Ji aap rachanakaro ki suchi me name add karna chahate hai
Ap mujhe call kariye ९१५८६८८४१८
Very funny, sarcastic as well as thought provoking. It will be much better without small little mistakes. Well Done again!!