शायरी:-
1. दिल में है जुस्तजू सिर्फ तुझे पाने की,
ना फिक्र है मुझे इस जालिम ज़माने की।
ज़माने ने मोहब्बत को सबकी नकारा है,
पर मेरा दिल इस ज़माने से न हारा है।
2. हो जाये गर मोहब्बत किसी से एक बार,
सारा जहाँ फीका नज़र आता है।
ढूँढने को निकलो अगर उनके जैसा,
सारा जहाँ उनसा नजर आता है।
3. उनके दीदार की आस लगाये बैठे हैं,
वो कमबख्त खिड़की पर छुपे बैठे हैं।
आज उनका दीदार करके ही जाऊंगा,
नहीं तो उनके पड़ोस में ही बस जाऊंगा।
— निशान्त पन्त “निशु”
Very good mere dost lounda ho tere hesa keh ke lele jamane Ki.
Thanks abhas