Homeरामधारी सिंह 'दिनकर'कलम, आज उनकी जय बोल कलम, आज उनकी जय बोल admin रामधारी सिंह 'दिनकर' 12/12/2011 No Comments जो अगणित लघु दीप हमारे तुफानों में एक किनारे जल-जलाकर बुझ गए किसी दिन मांगा नहीं स्नेह मुंह खोल कलम, आज उनकी जय बोल पीकर जिनकी लाल शिखाएं उगल रही लपट दिशाएं जिनके सिंहनाद से सहमी धरती रही अभी तक डोल कलम, आज उनकी जय बोल Tweet Pin It Related Posts आग की भीख विजयी के सदृश जियो रे वसुधा का नेता कौन हुआ? (रश्मिरथी) About The Author चन्द्र भूषण सिंह I am dedicated to development and progress of Hindi literature and specially Hindi poems. I provide guide and platform for publishing Hindi poems to all those who face difficulty in publishing Hindi poems elsewhere.